महामृत्युंजय जाप
महामृत्युंजय जाप की नियत संख्या 1,25,000 है। जाप के पश्चात दशांश होम, तद्-दशांश मार्जन, तद्-दशांश ब्राह्मण भोजन का शास्त्रोक्त विधान है।
◆ 51000 जाप (मंडल पूजन , हवन सहित)
◆ सम्पुर्ण महामृत्युंजय जाप
- 1,25,000 जाप संख्या (मंडल पूजन, हवन सहित)
◆ सम्पुर्ण महामृत्युंजय जाप, दशांश हवन सहित
- 125000 जाप संख्या (मंडल पूजन, हवन सहित)
- दशांश हवन (1250 आहुतियां)
कालसर्प योग शांति विधान
- राहु के बीज मंत्र की जाप, संख्या 18000 है, देश-काल-पात्र पद्धति के अनुसार ,कलयुग में इस मंत्र का जाप चतुर्गुणीत अर्थात 72000 बार जपना चाहिए।
- केतु के बीज मंत्र की जाप संख्या 17000 हैं, देश-काल-पात्र , पद्धति के अनुसार कलयुग मे इस मंत्र का जाप चतुर्गुणीत अर्थात 68000 बार करना चाहिए।
◆ संक्षिप्त कालसर्प योग शांति विधान
- संक्षिप्त मंडल-विधान पुजन (हवन सहित)
◆ कालसर्प योग शांति विधान
- भव्य मंडल-विधान-पूजन (हवन सहित)
◆ कालसर्प योग शांति विधान(मंत्र जाप सहित)
- मंडल-विधान पूजन ( हवन सहित)
- राहु- केतु के जाप, क्रमानुसार 18000, 17000
- दशांश हवन (3500 आहुतियों द्वारा)
◆ सम्पूर्ण कालसर्प योग शांति
- मंडल-विधान-पूजन (हवन सहित)
- चतुर्गुणीत राहु-केतु जाप,क्रमशः 72000, 68000
- दशांश हवन (14000 आहुतियों द्वारा)